श्लोक - ७२०
यथा उँडेला अमृत है, आंगन में अपवित्र ।
भाषण देना है वहाँ, जहाँ न गण हैं मित्र ॥
Tamil Transliteration
Anganaththul Ukka Amizhdhatraal Thanganaththaar
Allaarmun Kotti Kolal.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | सभा- ज्ञान |