श्लोक - ५६
रक्षा करे सतीत्व की, पोषण करती कांत ।
गृह का यश भी जो रखे, स्त्री है वह अश्रांत ॥
Tamil Transliteration
Tharkaaththuth Tharkontaar Penith Thakaisaandra
Sorkaaththuch Chorvilaal Pen.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | सहधर्मिणो |