श्लोक - ४५१
ओछों से डरना रहा, उत्तम जन की बान ।
गले लगाना बन्धु सम, है ओछों की बान ॥
Tamil Transliteration
451 Sitrinam Anjum Perumai Sirumaidhaan
Sutramaach Choozhndhu Vitum.
Section | अर्थ- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | कुसंग- वर्जन |