श्लोक - १२६०
अग्नि-दत्त मज्जा यथा, जिनका दिल द्रवमान ।
उनको प्रिय के पास रह, क्या संभव है मान ॥
Tamil Transliteration
Ninandheeyil Ittanna Nenjinaarkku Unto
Punarndhooti Nirpem Enal.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 13 |
chapter | धैर्य- भंग |