श्लोक - ११
उचित समय की वृष्टि से, जीवित है संसार ।
मानी जाती है तभी, वृष्टि अमृत की धार ॥
Tamil Transliteration
Vaannindru Ulakam Vazhangi Varudhalaal
Thaanamizhdham Endrunarar Paatru.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 001 to 010 |
chapter | वर्षा- महत्व |