श्लोक - ११४०

श्लोक 1140
श्लोक #११४०
रहे भुक्त-भोगी नहीं, यथा चुकी हूँ भोग ।
हँसते मेरे देखते, बुद्धि हीन जो लोग ॥

Tamil Transliteration
Yaamkannin Kaana Nakupa Arivillaar
Yaampatta Thaampataa Aaru.

Sectionकाम- कांड
Chapter Groupअध्याय 109 to 120
chapterलज्जा- त्याग- कथन