श्लोक - ११३८
संयम से रहती तथा, दया-पात्र अति वाम ।
यह न सोच कर छिप न रह, प्रकट हुआ है काम ॥
Tamil Transliteration
Niraiyariyar Manaliyar Ennaadhu Kaamam
Maraiyirandhu Mandru Patum.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 109 to 120 |
chapter | लज्जा- त्याग- कथन |