श्लोक - १०८७
अनत कुचों पर नारि के, पड़ा रहा जो पाट ।
मद-गज के दृग ढ़ांकता, मुख-पट सम वह ठाट ॥
Tamil Transliteration
Kataaak Kalitrinmer Katpataam Maadhar
Pataaa Mulaimel Thukil.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 109 to 120 |
chapter | सौंदर्य की पीड़ा |