संन्यास

Verses

श्लोक #३४१
ज्यों ज्यों मिटती जायगी, जिस जिसमें आसक्ति ।
त्यों त्यों तद्‍गत दुःख से, मुक्त हो रहा व्यक्ति ॥

Tamil Transliteration
Yaadhanin Yaadhanin Neengiyaan Nodhal
Adhanin Adhanin Ilan.

Explanations
श्लोक #३४२
संन्यासी यदि बन गया, यहीं कई आनन्द ।
संन्यासी बन समय पर, यदि होना आनन्द ॥

Tamil Transliteration
Ventin Un Taakath Thurakka Thurandhapin
Eentuiyar Paala Pala.

Explanations
श्लोक #३४३
दृढ़ता से करना दमन, पंचेन्द्रियगत राग ।
उनके प्रेरक वस्तु सब, करो एकदम त्याग ॥

Tamil Transliteration
Atalventum Aindhan Pulaththai Vitalventum
Ventiya Vellaam Orungu.

Explanations
श्लोक #३४४
सर्वसंग का त्याग ही, तप का है गुण-मूल ।
बन्धन फिर तप भंग कर, बने अविद्या-मूल ॥

Tamil Transliteration
Iyalpaakum Nonpirkondru Inmai Utaimai
Mayalaakum Matrum Peyarththu.

Explanations
श्लोक #३४५
भव- बन्धन को काटते, बोझा ही है देह ।
फिर औरों से तो कहो, क्यों संबन्ध- सनेह ॥

Tamil Transliteration
Matrum Thotarppaatu Evankol Pirapparukkal
Utraarkku Utampum Mikai.

Explanations
श्लोक #३४६
अहंकार ममकार को, जिसने किया समाप्त ।
देवों को अप्राप्य भी, लोक करेगा प्राप्त ॥

Tamil Transliteration
Yaan Enadhu Ennum Serukku Aruppaan Vaanorkku
Uyarndha Ulakam Pukum.

Explanations
श्लोक #३४७
अनासक्त जो न हुए, पर हैं अति आसक्त ।
उनको लिपटें दुःख सब, और करें नहिं त्यक्त ॥

Tamil Transliteration
Patri Vitaaa Itumpaikal Patrinaip
Patri Vitaaa Thavarkku.

Explanations
श्लोक #३४८
पूर्ण त्याग से पा चुके, मोक्ष- धाम वे धन्य ।
भव- बाधा के जाल में, फँसें मोह- वश अन्य ॥

Tamil Transliteration
Thalaippattaar Theerath Thurandhaar Mayangi
Valaippattaar Matrai Yavar.

Explanations
श्लोक #३४९
मिटते ही आसक्ति के, होगी भव से मुक्ति ।
बनी रहेगी अन्यथा, अनित्यता की भुक्ति ॥

Tamil Transliteration
Patratra Kanne Pirapparukkum Matru
Nilaiyaamai Kaanap Patum.

Explanations
श्लोक #३५०
वीतराग के राग में, हो तेरा अनुराग ।
सुदृढ़ उसी में रागना, जिससे पाय विराग ॥

Tamil Transliteration
Patruka Patratraan Patrinai Appatraip
Patruka Patru Vitarku.

Explanations
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