महीश महिमा

Verses

श्लोक #३८१
सैन्य राष्ट्र धन मित्रगण, दुर्ग अमात्य षड़ंग ।
राजाओं में सिंह है, जिसके हों ये संग ॥

Tamil Transliteration
Pataikuti Koozhamaichchu Natparan Aarum
Utaiyaan Arasarul Eru.

Explanations
श्लोक #३८२
दानशीलता निडरपन, बुद्धि तथा उत्साह ।
इन चारों से पूर्ण हो, स्वभाव से नरनाह ॥

Tamil Transliteration
Anjaamai Eekai Arivookkam Innaankum
Enjaamai Vendhark Kiyalpu.

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श्लोक #३८३
धैर्य तथा अविलंबना, विद्या भी हो साथ ।
ये तीनों भू पाल को, कभी न छोड़ें साथ ॥

Tamil Transliteration
383 Thoongaamai Kalvi Thunivutaimai Immoondrum
Neengaa Nilanaan Pavarkku.

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श्लोक #३८४
राजधर्म से च्युत न हो, दूर अधर्म निकाल ।
वीरधर्म से च्युत न हो, मानी वही नृपाल ॥

Tamil Transliteration
Aranizhukkaa Thallavai Neekki Maranizhukkaa
Maanam Utaiya Tharasu.

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श्लोक #३८५
कर उपाय धन-वृद्धि का, अर्जन भी कर खूब ।
रक्षण, फिर विनियोग में, सक्षम जो वह भूप ॥

Tamil Transliteration
Iyatralum Eettalung Kaaththalum Kaaththa
Vakuththalum Valla Tharasu.

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श्लोक #३८६
दर्शन जिसके सुलभ हैं, और न वचन कठोर ।
ऐसे नृप के राज्य की, शंसा हो बरजोर ॥

Tamil Transliteration
Kaatchik Keliyan Katunjollan Allanel
Meekkoorum Mannan Nilam.

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श्लोक #३८७
जो प्रिय वचयुत दान कर, ढिता रक्षण-भार ।
बनता उसके यश सहित, मनचाहा संसार ॥

Tamil Transliteration
Insolaal Eeththalikka Vallaarkkuth Thansolaal
Thaankan Tanaiththiv Vulaku.

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श्लोक #३८८
नीति बरत कर भूप जो, करता है जन-रक्ष ।
प्रजा मानती है उसे, ईश तुल्य प्रत्यक्ष ॥

Tamil Transliteration
Muraiseydhu Kaappaatrum Mannavan Makkatku
Iraiyendru Vaikkap Patum.

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श्लोक #३८९
जिस नृप में बच कर्ण कटु, शने का संस्कार ।
उसकी छत्रच्छाँह में, टिकता है संसार ॥

Tamil Transliteration
Sevikaippach Chorporukkum Panputai Vendhan
Kavikaikkeezhth Thangum Ulaku.

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श्लोक #३९०
प्रजा-सुरक्षण प्रिय वचन, तथा सुशासन दान ।
इन चारों से पूर्ण नृप, महीप-दीप समान ॥

Tamil Transliteration
Kotaiyali Sengol Kutiyompal Naankum
Utaiyaanaam Vendhark Koli.

Explanations
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