प्रेम-भाव

Verses

श्लोक #७१
अर्गल है क्या जो रखे, प्रेमी उर में प्यार ।
घोषण करती साफ़ ही, तुच्छ नयन-जल-धार ॥

Tamil Transliteration
Anpirkum Unto Ataikkundhaazh Aarvalar
Punkaneer Poosal Tharum.

Explanations
श्लोक #७२
प्रेम-शून्य जन स्वार्थरत, साधें सब निज काम ।
प्रेमी अन्यों के लिये, त्यागें हड्डी-चाम ॥

Tamil Transliteration
Anpilaar Ellaam Thamakkuriyar Anputaiyaar
Enpum Uriyar Pirarkku.

Explanations
श्लोक #७३
सिद्ध हुआ प्रिय जीव का, जो तन से संयोग ।
मिलन-यत्न-फल प्रेम से, कहते हैं बुध लोग ॥

Tamil Transliteration
Anpotu Iyaindha Vazhakkenpa Aaruyirkku
Enpotu Iyaindha Thotarpu.

Explanations
श्लोक #७४
मिलनसार के भाव को, जनन करेगा प्रेम ।
वह मैत्री को जन्म दे, जो है उत्तम क्षेम ॥

Tamil Transliteration
Anpu Eenum Aarvam Utaimai Adhueenum
Nanpu Ennum Naataach Chirappu.

Explanations
श्लोक #७५
इहलौकिक सुख भोगते, निश्रेयस का योग ।
प्रेमपूर्ण गार्हस्थ्य का, फल मानें बुध लोग ॥

Tamil Transliteration
Anputru Amarndha Vazhakkenpa Vaiyakaththu
Inputraar Eydhum Sirappu.

Explanations
श्लोक #७६
साथी केवल धर्म का, मानें प्रेम, अजान ।
त्राण करे वह प्रेम ही, अधर्म से भी जान ॥

Tamil Transliteration
Araththirke Anpusaar Penpa Ariyaar
Maraththirkum Aqdhe Thunai.

Explanations
श्लोक #७७
कीड़े अस्थिविहीन को, झुलसेगा ज्यों धर्म ।
प्राणी प्रेम विहीन को, भस्म करेगा धर्म ॥

Tamil Transliteration
Enpi Ladhanai Veyilpolak Kaayume
Anpi Ladhanai Aram.

Explanations
श्लोक #७८
नीरस तरु मरु भूमि पर, क्या हो किसलय-युक्त ।
गृही जीव वैसा समझ, प्रेम-रहित मन-युक्त ॥

Tamil Transliteration
Anpakath Thillaa Uyirvaazhkkai Vanpaarkan
Vatral Marandhalirth Thatru.

Explanations
श्लोक #७९
प्रेम देह में यदि नहीं, बन भातर का अंग ।
क्या फल हो यदि पास हों, सब बाहर के अंग ॥

Tamil Transliteration
Puraththurup Pellaam Evanseyyum Yaakkai
Akaththuruppu Anpi Lavarkku.

Explanations
श्लोक #८०
प्रेम-मार्ग पर जो चले, देह वही सप्राण ।
चर्म-लपेटी अस्थि है, प्रेम-हीन की मान ॥

Tamil Transliteration
Anpin Vazhiyadhu Uyirnilai Aqdhilaarkku
Enpudhol Porththa Utampu.

Explanations
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