दोष- निवारण

Verses

श्लोक #४३१
काम क्रोध मद दोष से, जो होते हैं मुक्त ।
उनकी जो बढ़ती हुई, होती महिमा-युक्त ॥

Tamil Transliteration
Serukkunj Chinamum Sirumaiyum Illaar
Perukkam Perumidha Neerththu.

Explanations
श्लोक #४३२
हाथ खींचना दान से, रखना मिथ्या मान ।
नृप का अति दाक्षिण्य भी, मानो दोष अमान ॥

Tamil Transliteration
Ivaralum Maanpirandha Maanamum Maanaa
Uvakaiyum Edham Iraikku.

Explanations
श्लोक #४३३
निन्दा का डर है जोन्हें, तिलभर निज अपराध ।
होता तो बस ताड़ सम, मानें उसे अगाध ॥

Tamil Transliteration
Thinaiththunaiyaang Kutram Varinum Panaiththunaiyaak
Kolvar Pazhinaanu Vaar.

Explanations
श्लोक #४३४
बचकर रहना दोष से, लक्ष्य मान अत्यंत ।
परम शत्रु है दोष ही, जो कर देगा अंत ॥

Tamil Transliteration
Kutrame Kaakka Porulaakak Kutrame
Atran Tharooum Pakai.

Explanations
श्लोक #४३५
दोष उपस्थिति पूर्व ही, किया न जीवन रक्ष ।
तो वह मिटता है यथा, भूसा अग्नि समक्ष ॥

Tamil Transliteration
Varumunnark Kaavaadhaan Vaazhkkai Erimunnar
Vaiththooru Polak Ketum.

Explanations
श्लोक #४३६
दोष-मुक्त कर आपको, बाद पराया दाष ।
जो देखे उस भूप में, हो सकता क्या दोष ॥

Tamil Transliteration
Thankutram Neekkip Pirarkutrang Kaankirpin
Enkutra Maakum Iraikku?.

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श्लोक #४३७
जो धन में आसक्त है, बिना किये कर्तव्य ।
जमता उसके पास जो, व्यर्थ जाय वह द्रव्य ॥

Tamil Transliteration
Seyarpaala Seyyaa Thivariyaan Selvam
Uyarpaala Thandrik Ketum.

Explanations
श्लोक #४३८
धनासक्ति जो लोभ है, वह है दोष विशेश |
अन्तर्गत उनके नहीं, जितने दोष अशेष ॥

Tamil Transliteration
Patrullam Ennum Ivaranmai Etrullum
Ennap Patuvadhon Randru.

Explanations
श्लोक #४३९
श्रेष्ठ समझ कर आपको, कभी न कर अभिमान ।
चाह न हो उस कर्म की, जो न करे कल्याण ॥

Tamil Transliteration
Viyavarka Egngnaandrum Thannai Nayavarka
Nandri Payavaa Vinai.

Explanations
श्लोक #४४०
भोगेगा यदि गुप्त रख, मनचाहा सब काम ।
रिपुओं का षड्‍यंत्र तब, हो जावे बेकाम ॥

Tamil Transliteration
Kaadhala Kaadhal Ariyaamai Uykkirpin
Edhila Edhilaar Nool.

Explanations
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