श्लोक - ९८७
अपकर्तुर्नरस्यापि साह्यं न क्रियते यदि ।
महत्वगुणवत्तपि तदा व्यर्था भवेत् सताम् ॥
Tamil Transliteration
Innaasey Thaarkkum Iniyave Seyyaakkaal
Enna Payaththadho Saalpu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | विशिष्टगुणसम्पत्ति: |