श्लोक - ९७३
श्रेष्ठकर्म विन श्रेष्ठकृत्यात् सामान्योऽपि महान् भवेत् ।
विना स्थानां श्रेष्ठकृत्यात् सामान्योऽपि महान् भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Melirundhum Melallaar Melallar Keezhirundhum
Keezhallaar Keezhal Lavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | महत्त्वम् |