श्लोक - ८९४
समं बलवता वैरं क्रियते यद्धि दुर्बलै: ।
हन्तुर्यमस्य हस्ताभ्यामाह्वानसदृशं हि तत् ॥
Tamil Transliteration
Kootraththaik Kaiyaal Viliththatraal Aatruvaarkku
Aatraadhaar Innaa Seyal.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | महात्मनिन्दानिराकरणम् |