श्लोक - ७६०
सम्पाद्य पुष्कलं वित्तं धर्ममार्गेण तिष्ठत: ।
अर्थकामौ स्वतस्तस्य सिद्धयत: पृथिवीतले ॥
Tamil Transliteration
Onporul Kaazhppa Iyatriyaarkku Enporul
Enai Irantum Orungu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 071to 080 |
chapter | अर्थार्जनोपाय: |