श्लोक - ११२२
अस्यास्तु मृदुभाषिण्या: श्वेतदन्तोद्भवं जलम् ।
मधुसंमिश्रितं क्षीरमिवातिमधुरं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Utampotu Uyiritai Ennamar Ranna
Matandhaiyotu Emmitai Natpu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | प्रेमप्रभावकथनम् |