श्लोक - १०७०
नेति श्रवणमात्रेण प्राणो गच्छति चार्थिनाम् ।
स्थितेऽपि नेति ब्रुवतां प्राणश्छन्नो वसेत् किमु ॥
Tamil Transliteration
Karappavarkku Yaangolikkum Kollo Irappavar
Sollaatap Poom Uyir.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | याचनाभीति: |