Kural - ५२२
ज्यांचे प्रेम जुगारी नाही असे प्रेमळ आप्त तर त्याचे भाग्य नेहमी वाढवत जाईल.
Tamil Transliteration
Virupparaach Chutram Iyaiyin Arupparaa
Aakkam Palavum Tharum.
Section | भाग दुसरा: अर्थ |
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Chapter Group | सर्ग 039 to 050 |
chapter | आप्तेष्टांना संतुष्ट ठेव |