श्लोक - ८६
प्राप्त अतिथि को पूज कर, और अतिथि को देख ।
जो रहता, वह स्वर्ग का, अतिथि बनेगा नेक ॥
Tamil Transliteration
Selvirundhu Ompi Varuvirundhu Paarththiruppaan
Nalvarundhu Vaanath Thavarkku.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 011 to 020 |
chapter | अतिथि- सत्कार |