श्लोक - ८५०
जग जिसके अस्तित्व को, ‘है’ कह लेता मान ।
जो न मानता वह रहा, जग में प्रेत समान ॥
Tamil Transliteration
Ulakaththaar Untenpadhu Illenpaan Vaiyaththu
Alakaiyaa Vaikkap Patum.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | अहंम्मन्य मूढ़्ता |