श्लोक - ८४३
जितनी पीड़ा मूढ़ नर, निज को देता आप ।
रिपु को भी संभव नहीं, देना उतना ताप ॥
Tamil Transliteration
Arivilaar Thaandhammaip Peezhikkum Peezhai
Seruvaarkkum Seydhal Aridhu.
Section | अर्थ- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | अहंम्मन्य मूढ़्ता |