श्लोक - ८३८
लगना है संपत्ति का, एक मूढ़ के हस्त ।
पागल का होना यथा, ताड़ी पी कर मस्त ॥
Tamil Transliteration
Maiyal Oruvan Kaliththatraal Pedhaidhan
Kaiyondru Utaimai Perin.
Section | अर्थ- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | मूढ़ता |
लगना है संपत्ति का, एक मूढ़ के हस्त ।
पागल का होना यथा, ताड़ी पी कर मस्त ॥
Tamil Transliteration
Maiyal Oruvan Kaliththatraal Pedhaidhan
Kaiyondru Utaimai Perin.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | मूढ़ता |