श्लोक - ८२०

श्लोक 820
श्लोक #८२०
घर पर मैत्री पालते, सभा-मध्य धिक्कार ।
जो करते वे तनिक भी, निकट न आवें, यार ॥

Tamil Transliteration
Enaiththum Kurukudhal Ompal Manaikkezheei
Mandril Pazhippaar Thotarpu.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterबुरी मैत्री