श्लोक - ८१५

श्लोक 815
श्लोक #८१५
तुच्छ मित्रता विपद में, जो देती न सहाय ।
ना होने में है भला, होने से भी, हाय ॥

Tamil Transliteration
Seydhemanj Chaaraach Chiriyavar Punkenmai
Eydhalin Eydhaamai Nandru.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 91 to 100
chapterबुरी मैत्री