श्लोक - ७७७
जग व्यापी यश चाहते, प्राणों की नहिं चाह ।
ऐसों का धरना कड़ा, शोभाकर है, वाह ॥
Tamil Transliteration
Suzhalum Isaiventi Ventaa Uyiraar
Kazhalyaappuk Kaarikai Neerththu.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 081 to 090 |
chapter | सैन्य- साहस |