श्लोक - ७६४

श्लोक 764
श्लोक #७६४
अविनाशी रहते हुए, छल का हो न शिकार ।
पुश्तैनी साहस जहाँ, वही सैन्य निर्धार ॥

Tamil Transliteration
Azhivindri Araipokaa Thaaki Vazhivandha
Vanka Nadhuve Patai.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 081 to 090
chapterसैन्य- माहात्म्य