श्लोक - ७३०
जो प्रभावकर ढ़ंग से, कह न सका निज ज्ञान ।
सभा-भीरु वह मृतक सम, यद्यपि है सप्राण ॥
Tamil Transliteration
Ulareninum Illaarotu Oppar Kalananjik
Katra Selachchollaa Thaar.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | सभा में निर्भीकता |