श्लोक - ५२०

श्लोक 520
श्लोक #५२०
राज-भृत्य यदि विकृत नहिं, विकृत न होगा राज ।
रोज़ परखना चाहिये, नृप को उसका काज ॥

Tamil Transliteration
520 Naatorum Naatuka Mannan Vinaiseyvaan
Kotaamai Kotaa Thulaku.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 039 to 050
chapterपरख कर कार्य सौंपना