श्लोक - ५१५

श्लोक 515
श्लोक #५१५
जो करता है धैर्य से, खूब समझ सदुपाय ।
उसे छोड़ प्रिय बन्धु को, कार्य न सौंपा जाय ॥

Tamil Transliteration
Arindhaatrich Cheykirpaarku Allaal Vinaidhaan
Sirandhaanendru Evarpaar Randru.

Sectionअर्थ- कांड
Chapter Groupअध्याय 039 to 050
chapterपरख कर कार्य सौंपना