श्लोक - ४७३
बोध नहीं निज शक्ति का, वश हो कर उत्साह ।
कार्य शुरू कर, बीच में, मिटे कई नरनाह ॥
Tamil Transliteration
Utaiththam Valiyariyaar Ookkaththin Ookki
Itaikkan Murindhaar Palar.
Section | अर्थ- कांड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | शक्ति का बोध |