श्लोक - ३३५
जीभ बंद हो, हिचकियाँ लगने से ही पूर्व ।
चटपट करना चाहिये, जो है कर्म अपूर्व ॥
Tamil Transliteration
Naachchetru Vikkulmel Vaaraamun Nalvinai
Mersendru Seyyap Patum.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 021 to 030 |
chapter | अनित्यता |