श्लोक - २७
स्पर्श रूप रस गन्ध औ', शब्द मिला कर पंच ।
समझे इन्के तत्व जो, समझे वही प्रपंच ॥
Tamil Transliteration
Suvaioli Ooruosai Naatramendru Aindhin
Vakaidherivaan Katte Ulaku.
Section | धर्म- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 001 to 010 |
chapter | संन्यासी- महिमा |