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श्लोक - २२४

श्लोक 224
श्लोक #२२४
याचित होने की दशा, तब तक रहे विषण्ण ।
जब तक याचक का वदन, होगा नहीं प्रसन्न ॥

Tamil Transliteration
Innaadhu Irakkap Patudhal Irandhavar
Inmukang Kaanum Alavu.

Sectionधर्म- कांड
Chapter Groupअध्याय 011 to 020
chapterदान
🡱
श्लोक २२३श्लोक २२५
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