श्लोक - १२४७

अरे सुदिल, तज काम को, या लज्जा को त्याग ।
मैं तो सह सकती नहीं, इन दोनों की आग ॥
Tamil Transliteration
Kaamam Vituondro Naanvitu Nannenje
Yaano Poreniv Virantu.
| Section | काम- कांड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 121 to 13 |
| chapter | हृदय से कथन |

अरे सुदिल, तज काम को, या लज्जा को त्याग ।
मैं तो सह सकती नहीं, इन दोनों की आग ॥
Tamil Transliteration
Kaamam Vituondro Naanvitu Nannenje
Yaano Poreniv Virantu.
| Section | काम- कांड |
|---|---|
| Chapter Group | अध्याय 121 to 13 |
| chapter | हृदय से कथन |