श्लोक - १२०६

मिलन-दिवस की, प्रिय सहित, स्मृति से हूँ सप्राण ।
उस स्मृति के बिन किस तरह, रह सकती सप्राण ॥
Tamil Transliteration
Matriyaan Ennulen Manno Avaroti Yaan
Utranaal Ulla Ulen.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 13 |
chapter | स्मरण में एकान्तता- दःख |