श्लोक - ११२६
दृग में से निकलें नहीं, मेरे सुभग सुजान ।
झपकी लूँ तो हो न दुख, वे हैं सूक्ष्म प्राण ॥
Tamil Transliteration
Kannullin Pokaar Imaippin Parukuvaraa
Nunniyarem Kaadha Lavar.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 109 to 120 |
chapter | प्रेम- प्रशंसा |