श्लोक - १११७

श्लोक 1117
श्लोक #१११७
क्षय पाकर फिर पूर्ण हो, शोभित रहा मयंक ।
इस नारी के वदन पर, रहता कहाँ कलंक ॥

Tamil Transliteration
Aruvaai Niraindha Avirmadhikkup Pola
Maruvunto Maadhar Mukaththu.

Sectionकाम- कांड
Chapter Groupअध्याय 109 to 120
chapterसौंदर्य- वर्णन