श्लोक - १०९७
रुष्ट दृष्टि है शत्रु सम, कटुक वचन सप्रीति ।
दिखना मानों अन्य जन, प्रेमी जन की रीति ॥
Tamil Transliteration
Seraaach Chirusollum Setraarpol Nokkum
Uraaarpondru Utraar Kurippu.
Section | काम- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 109 to 120 |
chapter | संकेत समझना |