श्लोक - १०५७
बिना किये अवहेलना, देते जन को देख ।
मन ही मन आनन्द से, रहा हर्ष-अतिरेक ॥
Tamil Transliteration
Ikazhndhellaadhu Eevaaraik Kaanin Makizhndhullam
Ullul Uvappadhu Utaiththu.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | याचना |