श्लोक - १०५०
भोग्य-हीन रह, दिन का, लेना नहिं सन्यास ।
माँड-नमक का यम बने, करने हित है नाश ॥
Tamil Transliteration
Thuppura Villaar Thuvarath Thuravaamai
Uppirkum Kaatikkum Kootru.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | दरिद्रता |