तृष्णा का उ़न्मूलन

Verses

श्लोक #३६१
सर्व जीव को सर्वदा, तृष्णा-बीज अचूक ।
पैदा करता है वही, जन्म-मरण की हूक ॥

Tamil Transliteration
Avaaenpa Ellaa Uyirkkum Enj Gnaandrum
Thavaaap Pirappeenum Viththu.

Explanations
श्लोक #३६२
जन्म-नाश की चाह हो, यदि होनी है चाह ।
चाह-नाश की चाह से, पूरी हो वह चाह ॥

Tamil Transliteration
Ventungaal Ventum Piravaamai Matradhu
Ventaamai Venta Varum.

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श्लोक #३६३
तृष्णा-त्याग सदृश नहीं, यहाँ श्रेष्ठ धन-धाम ।
स्वर्ग-धाम में भी नहीं, उसके सम धन-धाम ॥

Tamil Transliteration
Ventaamai Anna Vizhuchchelvam Eentillai
Aantum Aqdhoppadhu Il.

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श्लोक #३६४
चाह गई तो है वही, पवित्रता या मुक्ति ।
करो सत्य की चाह तो, होगी चाह-विमुक्ति ॥

Tamil Transliteration
Thoouymai Enpadhu Avaavinmai Matradhu
Vaaaimai Venta Varum.

Explanations
श्लोक #३६५
कहलाते वे मुक्त हैं, जो हैं तृष्णा-मुक्त ।
सब प्रकार से, अन्य सब, उतने नहीं विमुक्त ॥

Tamil Transliteration
Atravar Enpaar Avaaatraar Matraiyaar
Atraaka Atradhu Ilar.

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श्लोक #३६६
तृष्णा से डरते बचे, है यह धर्म महान ।
न तो फँसाये जाल में, पा कर असावधान ॥

Tamil Transliteration
Anjuva Thorum Arane Oruvanai
Vanjippa Thorum Avaa.

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श्लोक #३६७
तृष्णा को यदि कर दिया, पूरा नष्ट समूल ।
धर्म-कर्म सब आ मिले, इच्छा के अनुकूल ॥

Tamil Transliteration
Avaavinai Aatra Aruppin Thavaavinai
Thaanventu Maatraan Varum.

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श्लोक #३६८
तृष्णा-त्यागी को कभी, होगा ही नहिं दुःख ।
तृष्णा के वश यदि पड़े, होगा दुःख पर दुःख ॥

Tamil Transliteration
Avaaillaark Killaakun Thunpam Aqdhuntel
Thavaaadhu Menmel Varum.

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श्लोक #३६९
तृष्णा का यदि नाश हो, जो है दुःख कराल ।
इस जीवन में भी मनुज, पावे सुख चिरकाल ॥

Tamil Transliteration
Inpam Itaiyaraa Theentum Avaavennum
Thunpaththul Thunpang Ketin.

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श्लोक #३७०
तृष्णा को त्यागो अगर, जिसकी कभी न तुष्टि ।
वही दशा दे मुक्ति जो, रही सदा सन्तुष्टि ॥

Tamil Transliteration
Aaraa Iyarkai Avaaneeppin Annilaiye
Peraa Iyarkai Tharum.

Explanations
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