क्षमाशीलता

Verses

श्लोक #१५१
क्षमा क्षमा कर ज्यों धरे, जो खोदेगा फोड़ ।
निन्दक को करना क्षमा, है सुधर्म बेजोड़ ॥

Tamil Transliteration
Akazhvaaraith Thaangum Nilampolath Thammai
Ikazhvaarp Poruththal Thalai.

Explanations
श्लोक #१५२
अच्छा है सब काल में, सहना अत्याचार ।
फिर तो उसको भूलना, उससे श्रेष्ठ विचार ॥

Tamil Transliteration
Poruththal Irappinai Endrum Adhanai
Maraththal Adhaninum Nandru.

Explanations
श्लोक #१५३
दारिद में दारिद्रय है, अतिथि-निवारण-बान ।
सहन मूर्ख की मूर्खता, बल में भी बल जान ॥

Tamil Transliteration
Inmaiyul Inmai Virundhoraal Vanmaiyul
Vanmai Matavaarp Porai.

Explanations
श्लोक #१५४
अगर सर्व-गुण-पूर्णता, तुमको छोड़ न जाय ।
क्षमा-भाव का आचरण, किया लगन से जाय ॥

Tamil Transliteration
Niraiyutaimai Neengaamai Ventin Poraiyutaimai
Potri Yozhukap Patum.

Explanations
श्लोक #१५५
प्रतिकारी को जगत तो, माने नहीं पदार्थ ।
क्षमशील को वह रखे, स्वर्ण समान पदार्थ ॥

Tamil Transliteration
Oruththaarai Ondraaka Vaiyaare Vaippar
Poruththaaraip Ponpor Podhindhu.

Explanations
श्लोक #१५६
प्रतिकारी का हो मज़ा, एक दिवस में अन्त ।
क्षमाशीला को कीर्ति है, लोक-अंत पर्यन्त ॥

Tamil Transliteration
Oruththaarkku Orunaalai Inpam Poruththaarkkup
Pondrun Thunaiyum Pukazh.

Explanations
श्लोक #१५७
यद्यपि कोई आपसे, करता अनुचित कर्म ।
अच्छा उस पर कर दया, करना नहीं अधर्म ॥

Tamil Transliteration
Thiranalla Tharpirar Seyyinum Nonondhu
Aranalla Seyyaamai Nandru.

Explanations
श्लोक #१५८
अहंकार से ज़्यादती, यदि तेरे विपरीत ।
करता कोई तो उसे, क्षमा-भाव से जीत ॥

Tamil Transliteration
Mikudhiyaan Mikkavai Seydhaaraith Thaandham
Thakudhiyaan Vendru Vital.

Explanations
श्लोक #१५९
संन्यासी से आधिक हैं, ऐसे गृही पवित्र ।
सहन करें जो नीच के, कटुक वचन अपवित्र ॥

Tamil Transliteration
Thurandhaarin Thooimai Utaiyar Irandhaarvaai
Innaachchol Norkir Pavar.

Explanations
श्लोक #१६०
अनशन हो जो तप करें, यद्यपि साधु महान ।
पर-कटुवचन-सहिष्णु के, पीछे पावें स्थान ॥

Tamil Transliteration
Unnaadhu Norpaar Periyar Pirarsollum
Innaachchol Norpaarin Pin.

Explanations
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