कीर्ति

Verses

श्लोक #२३१
देना दान गरिब को, जीना कर यश-लाभ ।
इससे बढ़ कर जीव को, और नहीं है लाभ ॥

Tamil Transliteration
Eedhal Isaipata Vaazhdhal Adhuvalladhu
Oodhiyam Illai Uyirkku.

Explanations
श्लोक #२३२
करता है संसार तो, उसका ही गुण-गान ।
याचक को जो दान में, कुछ भी करें प्रदान ॥

Tamil Transliteration
Uraippaar Uraippavai Ellaam Irappaarkkondru
Eevaarmel Nirkum Pukazh.

Explanations
श्लोक #२३३
टिकती है संसार में, अनुपम कीर्ति महान ।
अविनाशी केवल वही, और न कोई जान ॥

Tamil Transliteration
Ondraa Ulakaththu Uyarndha Pukazhallaal
Pondraadhu Nirpadhon Ril.

Explanations
श्लोक #२३४
यदि कोई भूलोक में, पाये कीर्ति महान ।
देवलोक तो ना करें, ज्ञानी का गुण-गान ॥

Tamil Transliteration
Nilavarai Neelpukazh Aatrin Pulavaraip
Potraadhu Puththel Ulaku.

Explanations
श्लोक #२३५
ह्रास बने यशवृद्धिकर, मृत्यु बने अमरत्व ।
ज्ञानवान बिन और में, संभव न यह महत्व ॥

Tamil Transliteration
Naththampol Ketum Uladhaakum Saakkaatum
Viththakark Kallaal Aridhu.

Explanations
श्लोक #२३६
जन्मा तो यों जन्म हो, जिसमें होवे नाम ।
जन्म न होना है भला, यदि न कमाया नाम ॥

Tamil Transliteration
Thondrin Pukazhotu Thondruka Aqdhilaar
Thondralin Thondraamai Nandru.

Explanations
श्लोक #२३७
कीर्तिमान बन ना जिया, कुढ़ता स्वयं न आप ।
निन्दक पर कुढ़ते हुए, क्यों होता है ताप ॥

Tamil Transliteration
Pukazhpata Vaazhaadhaar Thannovaar Thammai
Ikazhvaarai Novadhu Evan?.

Explanations
श्लोक #२३८
यदि नहिं मिली परंपरा, जिसका है यश नाम ।
तो जग में सब के लिये, वही रहा अपनाम ॥

Tamil Transliteration
Vasaiyenpa Vaiyaththaark Kellaam Isaiyennum
Echcham Peraaa Vitin.

Explanations
श्लोक #२३९
कीर्तिहीन की देह का, भू जब ढोती भार ।
पावन प्रभूत उपज का, क्षय होता निर्धार ॥

Tamil Transliteration
Vasaiyilaa Vanpayan Kundrum Isaiyilaa
Yaakkai Poruththa Nilam.

Explanations
श्लोक #२४०
निन्दा बिन जो जी रहा, जीवित वही सुजान ।
कीर्ति बिना जो जी रहा, उसे मरा ही जान ॥

Tamil Transliteration
Vasaiyozhiya Vaazhvaare Vaazhvaar Isaiyozhiya
Vaazhvaare Vaazhaa Thavar.

Explanations
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