अहिंसा

Verses

श्लोक #३११
तप-प्राप्र धन भी मिले, फिर भी साधु-सुजान ।
हानि न करना अन्य की, मानें लक्ष्य महान ॥

Tamil Transliteration
Sirappeenum Selvam Perinum Pirarkku Innaa
Seyyaamai Maasatraar Kol.

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श्लोक #३१२
बुरा किया यदि क्रोध से, फिर भी सधु-सुजान ।
ना करना प्रतिकार ही, मानें लक्ष्य महान ॥

Tamil Transliteration
Karuththuinnaa Seydhavak Kannum Maruththinnaa
Seyyaamai Maasatraar Kol.

Explanations
श्लोक #३१३
बुरा किया कारण बिना’, करके यही विचार ।
किया अगर प्रतिकार तो, होगा दुःख अपार ॥

Tamil Transliteration
Seyyaamal Setraarkkum Innaadha Seydhapin
Uyyaa Vizhuman Tharum.

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श्लोक #३१४
बुरा किया तो कर भला, बुरा भला फिर भूल ।
पानी पानी हो रहा, बस उसको यह शूल ॥

Tamil Transliteration
Innaasey Thaarai Oruththal Avarnaana
Nannayanj Cheydhu Vital.

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श्लोक #३१५
माने नहिं पर दुःख को, यदि निज दुःख समान ।
तो होता क्या लाभ है, रखते तत्वज्ञान ॥

Tamil Transliteration
Arivinaan Aakuva Thunto Piridhinnoi
Thannoipol Potraak Katai.

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श्लोक #३१६
कोई समझे जब स्वयं, बुरा फलाना कर्म ।
अन्यों पर उस कर्म को, नहीं करे, यह धर्म ॥

Tamil Transliteration
Innaa Enaththaan Unarndhavai Thunnaamai
Ventum Pirankan Seyal.

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श्लोक #३१७
किसी व्यक्ति को उल्प भी, जो भी समय अनिष्ट ।
मनपूर्वक करना नहीं, सबसे यही वरिष्ठ ॥

Tamil Transliteration
Enaiththaanum Egngnaandrum Yaarkkum Manaththaanaam
Maanaasey Yaamai Thalai.

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श्लोक #३१८
जिससे अपना अहित हो, उसका है दृढ़ ज्ञान ।
फिर अन्यों का अहित क्यों, करता है नादान ॥

Tamil Transliteration
Thannuyirkaku Ennaamai Thaanarivaan Enkolo
Mannuyirkku Innaa Seyal.

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श्लोक #३१९
दिया सबेरे अन्य को, यदि तुमने संताप ।
वही ताप फिर साँझ को, तुमपर आवे आप ॥

Tamil Transliteration
Pirarkkinnaa Murpakal Seyyin Thamakku Innaa
Pirpakal Thaame Varum.

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श्लोक #३२०
जो दुःख देगा अन्य को, स्वयं करे दुःख-भोग ।
दुःख-वर्जन की चाह से, दुःख न दें बुध लोग ॥

Tamil Transliteration
Noyellaam Noiseydhaar Melavaam Noiseyyaar
Noyinmai Ventu Pavar.

Explanations
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